"आभार पत्र" For All My Friends Who Support me to reach my first "500" subs""…

“आभार पत्र” For All My Friends Who Support me to reach my first “500” subs””…

Description :

नमस्कार, मैं रचना कँवर Rachana’s Rajasthani Rasoi में आप सभी का स्वागत करती हूं।अपने “500 subscriber” complete होने पर मैं आप सभी को तहेदिल से धन्यवाद् देना चाहती हूँ, क्यूंकि ये सब आप सभी frnds के सहयोग की वजह से संभव हो सका है।अभी तो शुरुआत है, चलना शुरू ही किया है।पूरा सफर तय करना बाकी है।मंजिल तक आपके सहयोग के बिना नहीं पहुँच पाऊँगी।इसलिए अपना साथ ऐसे ही बनाये रखना।यह सब लिखते हुए मुझे इतनी प्रसन्नता हो रही है कि मै शब्दों में व्यक्त नही कर सकती हूँ।अपनी उम्र के इस पड़ाव पर ऐसा कुछ कभी करुँगी या कर भी सकती हूं, मेने सपने में भी नहीं सोचा था।जब हम छोटे होते हैं parents के पास हमारा एक नाम होता है, स्कूल में, कॉलेज में, हमारे frnds.हमें हमारे नाम से पुकारते हैं,जानते हैं।लेकिन जब एक लड़की की शादी होकर दूसरे परिवार में जाती है तो उसे कई नए नाम मिलते हैं और ऐसे में उसका अपना नाम कहीं दूर पीछे छूट जाता है।शुरू में वो कोशिश भी करती है अपने नाम को दोहराने की,याद रखने की लेकिन धीरे -धीर आदत हो जाती है और फिर विचार भी नहीं आता है कभी कि नाम के लिए कोई कोशिश करें।सब की ख़ुशी में, सफलता में, जीवन के उतार चढ़ाव में बचपन के सारे सपने, क्रन्तिकारी विचार सब कुछ फ़ालतू लगने लगते हैं।लेकिन जब आपके बच्चे,पति उस वक्त आपके लिए कुछ ऐसा सोचते हैं कि जिसकी आपने कल्पना भी नही की होती है तो फिर से बचपन वाली चंचलता और कुछ करने का जुनून आप पर हावी हो जाता है।हमारे समय में इतना खुलापन नही था,ऐसा माहौल ही नहीं था कि अपने बारे में सोचें।जिम्मेदारियों के बीच मन के किसी कोने में एक कमी सी थी कि मैं अपने लिए कुछ नहीं कर पाई।घूँघट का रिवाज है तो ऐसा करने का तो सोच भी नहीं सकती थी।खेल-खेल में बच्चों ने vedio बनाया और मना करने के बाद भी upload कर दिया लेकिन फिर भी2-3 महीनों तक किसी को भी नहीं बताया क्यूंकि मन में डर था कि सब क्या सोचेंगे मेरे बारे में।बिना घूँघट के बोल रही है और भी ना जाने क्या-क्या। लेकिन जब आप सभी friends के इतने अच्छे-अच्छे comments, compliments n feedback आने लगे तो मैं बहुत ही emotional हो गई कि मेरे इस साधारण से काम की प्रशंसा हो रही है।कोई मुझे मेरे नाम से भी पहचान रहे हैं।मेरी ख़ुशी की कोई सीमा नही है अभी।मेने अपने परिवार के अलावा भी जीवन में पहली बार आप सभी friends के रूप में एक एक और परिवार पाया है। “youtube ki family” क्यूंकि में एक संयुक्त परिवार से हूँ तो मुझे इसका महत्व पता है।हमें एक दूसरे के काम को promote करते हुए साथ-साथ आगे बढ़ना है। मेरे जीवन में इतना खूबसूरत बदलाव लाने के लिए मैं सबसे पहले अपने बच्चों और पति की और साथ ही आप सभी friends की सदैव बहुत-बहुत आभारी रहूंगी।अपना सहयोग इसी तरह से बनाये रखियेगा। धन्यवाद्
अंत में यही कहूँगी कि—-
“”घोंसला बनाने में यूं मशगूल हो गए। उड़ने को पंख मिले थे,हम ये भी भूल गए।””रचना कँवर””


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Date Published 2017-09-19 13:00:27Z
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